आपने केवल 13 साल की उम्र में बेसिक शिक्षा पूरी कर ली और फिर उच्च शिक्षा के लिए हौज़ए इल्मिया क़ुम आ गए, आपने अपनी असामान्य मानसिक क्षमताओं की वजह से क ...
आपका ख़ानदान वासित का रहने वाला था, फिर आपके वालिद ने बग़दाद से 55 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद शहर ओकबरा की तरफ़ हिजरत की, उसके बाद बग़दाद की तरफ़ चले ग ...
शहीद मुतह्हरी ने अनेक विषयों पर किताबें लिखी हैं जिनकी तादाद लगभग 70 बताई जाती है, जिनमें से कुछ आपकी तक़रीर हैं जिनको आपके शागिर्दों ने किताब की शक्ल ...
हिज़्बुल्लाह के सदस्यों का अक़ीदा है कि 20वीं सदी के सबसे महान आलिम इमाम ख़ुमैनी र.ह. थे और उनकी वफ़ात के बाद आयतुल्लाह ख़ामेनई वह शख़्सियत हैं जो उनक ...
आपका बेटा हादी कई सालों तक इस्लामी प्रतिरोध का हिस्सा बन कर ज़ायोनी दरिंदों से लड़ता रहा, आपने अपने इतने महान बेटे की क़ुर्बानी के बाद उसे ज़ुल्म और ह ...
आपके वालिद की दुकान की दीवार पर इमाम मूसा सद्र की फोटो हमेशा लगी रहती थी, इमाम मूसा सद्र जिन्होंने ज़ुल्म के विरुध्द प्रतिरोध की चिंगारी को दबे और कु ...
शैख़ कुलैनी र.ह. तीसरी सदी हिजरी के उलमा में से थे जिसकी वजह से आज लगभग 1200 साल बाद उनकी ज़िंदगी के बारे में काफ़ी कुछ हमारे हाथ में नहीं है, जिसकी व ...
आयतुल्लाह ख़ूई ने अपनी जवानी से ही पढ़ाना शुरू कर दिया था, और फिर मरज-ए- तक़लीद होने के बाद भी आपने शागिर्दों की तरबीयत जारी रखी और साथ ही साथ आप किता ...
शैख़ तूसी र.ह. ने अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से बहुत ही कम समय में इल्मी दुनिया ऊंचा मर्तबा हासिल कर लिया था और जवानी ही में इज्तेहाद की मंज़िल पर पह ...
आपका बचपन दूसरो बच्चों की तरह नहीं था बल्कि आप बचपन से ज़हीन थे और दीनी अहकाम को याद करने में आप दूसरे बच्चों से बहुत आगे थे। जो भी आपको बचपन में देख ...
आयतुल्लाह शहीद बाक़िर अल-सद्र 12 साल की उम्र में अपने भाई के साथ नजफ़ आ गए ताकि नजफ़ के बुज़ुर्ग मराजे के दर्स में शामिल हो सकें, आपने फ़िक़्ह और उसूल ...
अगस्त वर्ष १९२५ की गर्मियों में उत्तर पूर्वी ईरान के तबरेज़ नगर में अल्लामा मुहम्मद तकी जाफरी का जन्म हुआ। उनके पिता ने किसी पाठशाला में शिक्षा प्राप् ...
अल्लामा मुर्तुज़ा अस्करी की इराक़ में उपस्थिति के समय विभिन्न प्रकार की धार्मिक , वैचारिक और राजनीतिक विचारधाराओं के लोग सक्रिय थे। राष्ट्रवादी, साम्य ...
इतिहास में सदैव ऐसे व्यक्ति रहे हैं कि जिन्होंने जीवन में अपने अधिकारों की बलि देकर अंधविश्वासों एवं अज्ञानता से लड़ाई लड़ी है। इन समर्पित मनुष्यों ने ...
अल्लामा तबातबाई की एक विशेषता ज्ञान की विभिन्न शाखाओं से संपन्न होना भी है। ज्ञान की प्राप्ति का जुनून और इस दिशा में अथाह पर्यास ने उन्हें ज्ञान के उ ...