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    ख़्वाब में रसूलल्लाह स.अ. से मुलाक़ात

    हालांकि जिस तरह अल्लाह अपने क़ानून के मुताबिक़ हालात को आसान करते हुए इंसान की मदद करता है बिल्कुल उसी तरह वह अपने नेक बंदों की पुष्टि और उनका समर्थन ख़्वाब के माध्यम से करता है।

    कामयाबी क्या है?

    सबसे बड़ी अच्छाई क्या है?आपने फ़रमाया: अच्छा अख़लाक़, सब्र और विनम्रता सबसे बड़ी नेकी और अच्छाई है।

    पैग़म्बर स.अ. की सियासी बसीरत

    मदीना सबसे पहली वह इस्लामी हुकूमत है जहां हर कोई चाहे वह हाकिम हो या आम जनता सब अल्लाह के क़ानून के आगे सर झुकाए हुए हैं, आप की हुकूमत की सबसे ख़ास बात यह है कि केवल दस साल की हुकूमत में अरब जो छोटे छ ...

    पैग़म्बर स.अ. की सीरत में इस्लामी इत्तेहाद

    किसी भी क़ौम और समाज के लिए अपने वजूद को बचाने के लिए सबसे ज़रूरी आपसी इत्तेहाद है, अगर सारे मुसलमान एक सफ़ में खड़े हो जाएं और उनमें आपसी इत्तेहाद और भाईचारा पैदा हो जाए तो साम्राज्यवादी ताक़तों का इ ...

    पैग़म्बर स.अ. की क़ुर्बानी ग़ैर मुस्लिमों की ज़ुबानी

    इधर पिछले कुछ 15 सालों में पैग़म्बर स.अ. की शख़्सियत को कम करने के लिए कभी कार्टून तो कभी फ़िल्म तो कभी किसी लेटेरेचर का सहारा लिया गया, लेकिन साम्राज्यवाद के हाथों की कठपुतली जो कुछ डॉलर और पौंड की ...

    पैग़म्बर स.अ. कैसे खाना खाते थे....

    खाने के समय पर जो कुछ भी रूखा सूखा मिल जाता था आप खा लेते थे, ज़्यादातर खाना तीन उंगलियों से खाते थे, कभी दो उंगलियों से नहीं खाते थे आप फ़रमाते थे कि दो उंगलियों से खाना शैतान का काम है

    हज़रत अबू तालिब अ.स. और पैग़म्बर स.अ. की तरबियत

    इंसान की भावनाएं अपनी औलाद से ज़्यादा जुड़ी होती हैं न कि अपने भाईयों की औलादों से, जबकि हज़रत अबू तालिब अ.स. अपने बच्चों को पैग़म्बर स.अ. क़ुर्बान करने के लिए तैयार रहते थे, उन सभी ख़तरे वाली रातों ज ...

    आख़िरी ज़माने की निशानियां पैग़म्बर स.अ. की ज़बानी

    पैग़म्बर स.अ. फ़रमाते हैं कि एक दिन आएगा जब अल्लाह के दीन के टुकड़े टुकड़े कर दिए जाएंगे, मेरी सुन्नत को लोग बिदअत समझेंगे और बिदअत को मेरी सुन्नत समझ कर अमल करेंगे, दीनदार महान हस्तियों पर आरोप लगा क ...

    उम्मुल मोमेनीन ख़दीजा अ.स. का इस्लाम को फैलाने में योगदान

    पैग़म्बर स.अ. ने ख़दीजा अ.स. की दौलत से वह अत्याचार के शिकार ग़ुलामों को ख़रीदते, कर्ज़दारों के क़र्ज़ को अदा करते, ग़रीबों, यतीमों और विधवा औरतों की मदद करते, और वह मुसलमान जिन्हों ने आपके साथ मक्का ...

    पैग़म्बर स.अ. का एहतेराम वहाबियत की निगाह में

    वहाबी उलेमा इस बात को तो मानते हैं कि बदन की बरकत बदन से संबंधित चीज़ों में भी पहुंचती है, और वह क़ब्र में बदन के हमेशा बाक़ी रहने को भी मानते है, लेकिन यह भी कहते हैं कि आप के वजूद की बरकत उन जगहों प ...

    पैग़म्बर स.अ. और हज़रत ख़दीजा स.अ. का सम्मान

    हज़रत ख़दीजा स.अ. की वफ़ात के बाद भी आप की निगाह में उनका इस हद तक सम्मान था कि आप हमेशा उनको इतना अधिक याद करते थे हज़रत आएशा को बुरा लगने लगा, एक दिन आएशा ने पूछा आप क्यों इतना एक बूढ़ी औरत को याद क ...

    पैग़म्बरे इस्लाम की बेसत का लक्ष्य

    रसूल अल्लाह स.अ.की बेसत का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य न्याय प्रणाली और समानता को स्थापित करना था, जैसा कि क़ुर्आन फ़रमाता है कि, हम ने अपने पैग़म्बरों को लोगों की हिदायत और उन्हें सही दिशा दिखाने के लिए द ...

    बुराई के बदले भलाई।

    पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद स.अ अनाथों व भिखारियों का विशेष ध्यान रखते थे उनको हर प्रकार की सहायता प्रदान करते रहते थे और उन्हें अपने यहाँ शरण देते थे। वह जानवरों पर भी दया करते थे तथा उनको यातना द ...

    पैग़म्बरे इस्लाम (स.अ) की बेअसत।

    मुसलमानों के लिए यह गर्व की बात है कि पैग़म्बरे इस्लाम ने अपनी पूरी ज़िंदगी, लोगों के कल्याण और उनके विकास के लिए और उन्हें जेहालत के अंधेरे से निकालने में गुज़ार दी।

    पैग़म्बर स.अ. की मुसलमानों के आपसी मतभेद से चिंता

    पैग़म्बर स.अ. ने अपने बाद मुसलमानों में मतभेद और किसी तरह की फूट न हो इसीलिए अपने जीवन ही में उसका हल बता दिया था, और एकता और आपसी भाई चारे के सबसे बेहतरीन नुस्ख़े की ओर इशारा करते हुए मुसलमानों को क़ ...