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अफगानिस्तान में भारी नुकसान और अपमान के साथ समाप्त हुआ अमेरिकी अभियान

अमेरिका ने आईएसआईएस और अल कायदा के विरुद्ध संघर्ष का राग अलापते हुए  कहा कि अमेरिका आतंकी समूहों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा और इस मामले में तालिबान पर भरोसा नहीं करेगा।

विलायत पोर्टल : अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी की वापसी और सैन्य अभियान को भारी घाटे का सौदा बताया है।
अफगानिस्तान से 20 साल बाद अपनी सेना को वापस बुलाने के निर्णय को पूरा करते हुए अमेरिका का अंतिम सैनिक भी अफगानिस्तान से निकल गया है।  अफगानिस्तान में मिलने वाले अपमान को स्वीकार करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने कहा है कि हमारे राष्ट्र के इतिहास में सबसे कठिन समय था जो अब समाप्त हो गया है।  हम अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना एवं सहयोगी देशों की सेना की वापसी के लिए निर्धारित समय के भीतर ही इसे पूरा करने में सक्षम हुए हैं , हालांकि हमारे लिए भारी नुकसान का सौदा रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी सेना के साथ-साथ इस देश में मौजूद अमेरिकी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।  हम कभी भी अमेरिकी सैनिकों के बलिदान को नहीं भूलेंगे। अफगानिस्तान से वापसी में हम अपने दोस्तों और सहयोगियों का धन्यवाद करते हैं और उन्हें कभी नहीं भूलेंगे।  अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में हमारी सैन्य उपस्थिति खत्म हो गई है और अमेरिकी राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होगा। अमेरिका ने काबुल में अपने दूतावास को बंद कर दिया है। इस संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों को काबुल से दोहा स्थानांतरित कर दिया गया है। अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों के लिए अब  दोहा से काम किया जाएगा। हम अफगानिस्तान में अपनी मुहिम को जारी रखेंगे। अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी और अफगान नागरिक जो इस देश से निकलना चाहते हैं हम उनका सहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम तालिबान से अपील करते हैं कि वह अपने वादों को पूरा करे और जो लोग इस देश में नहीं रहना चाहते उन्हें निकलने की इजाजत दी जाए।  उन्होंने कहा कि तालिबान अगर अपने वादों को पूरा नहीं करता तो हम आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे।  ब्लिंकेन ने कहा कि अफगानिस्तान में इस समय शायद 200 से भी कम अमेरिकी नागरिक मौजूद हैं।  हम तालिबान से अपील करते हैं कि वह अफगानिस्तान की धरती को आतंकी संगठनों की गतिविधि के लिए इस्तेमाल ना होने दें। अमेरिका ने आईएसआईएस और अल कायदा के विरुद्ध संघर्ष का राग अलापते हुए  कहा कि अमेरिका आतंकी समूहों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा और इस मामले में तालिबान पर भरोसा नहीं करेगा।  हालांकि तालिबान ने वादा किया है कि वह अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों के संचालन की इजाजत नहीं देगा।

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