विलायत पोर्टल :
اَللّهُمَّ اجْعَلْ صِیامِی فِیهِ صِیامَ الصَّائِمِینَ وَ قِیامِی فِیهِ قِیامَ الْقَائِمِینَ وَ نَبِّهْنِی فِیهِ عَنْ نَوْمَةِ الْغَافِلِینَ وَ هَبْ لِی جُرْمِی فِیهِ یا إِلَهَ الْعَالَمِینَ وَ اعْفُ عَنِّی یا عَافِیا عَنِ الْمُجْرِمِین
ख़ुदाया मेरे रोज़े को इस महीने में रोज़ेदारों के रोज़े जैसा क़रार दे, और मेरी रातों की इबादत को रातों रात इबादत करने वालों की तरह बना दे, मुझे ग़फ़लत की नींद से जगा दे, आज के दिन मेरे गुनाहों को माफ़ कर दे ऐ आलमीन के माबूद, ऐ गुनहगारों को माफ़ करने ! वाले मेरे गुनाहों को माफ़ कर दे।
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पहली रमज़ान की दुआ
मुझे ग़फ़लत की नींद से जगा दे, आज के दिन मेरे गुनाहों को माफ़ कर दे ऐ आलमीन के माबूद...,

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wilayat.in/p/2446
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