ईरान का सबसे बुड़ा दुश्मन अमेरिका।
इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान के कमान्डर ने कहा है कि अमरीकी विश्व शांति और प्रगति के बारे में बड़ी सुन्दर बातें करते हैं किन्तु वे हमारे सबसे बुरे शत्रु हैं।

विलायत पोर्टलः इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान के कमान्डर ने कहा है कि अमरीकी विश्व शांति और प्रगति के बारे में बड़ी सुन्दर बातें करते हैं किन्तु वे हमारे सबसे बुरे शत्रु हैं।
ब्रिगेडियर जनरल हुसैन सलामी ने बुधवार को कहा कि तकनीक से संपन्न विश्व की प्रगतिशील व्यवस्थाएं, अनैतिक फ़िल्मों, विषयों और आदर्शों को स्थानांतरित करके विश्व की नैतिक व्यवस्थाओं को धराशायी करने की चेष्टा में हैं और इस तरह से दुनिया में अशांति फैला रही हैं। उनका कहना था कि जब विश्व शक्तियां सीमा से ज़्यादा सैन्य विस्तार की कोशिश करती हैं और राजनैतिक डर पैदा करके ईश्वरीय मूल्यों को एक किनारे लगा देती हैं तो इससे सत्ता का पतन होता है और यही अमरीका का तर्क है।
ब्रिगेडियर जनरल हुसैन सलामी ने मीज़ाइल और प्रतिरक्षा के इलाक़े में ईरान की क्षमताओं के बारे में कहा कि मीज़ाइलों की सूक्ष्मता के संबंध में वरिष्ठ नेता ने जो बिन्दु बयान किए हैं, वे इससे पहले के तकनीकी हों, राजनैतिक व आस्था संबंधी हैं क्योंकि दुश्मनों के निकट मनुष्यों के जनसंहार का कोई महत्त्व नहीं है और इसमें सूक्ष्मता की कोई आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि सुप्रीम लीडर का कहना है कि इस्लामी व्यवस्था में परमाणु शस्त्रों की कोई जगह नहीं है।
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तेहरान रेडियो