सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अंसारूल्लाह की प्रतिक्रिया
अंसारूल्लाह जनांदोलन के एक वरिष्ठ नेता अली अलबखीती ने एक बयान में यमन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रस्ताव को ज़ालिमाना बताते हुए कहा है कि इस तरह के प्रस्तावों से यमन की जनता के एरादे पस्त नहीं हो सकते और वह अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे

विलायत पोर्टलः प्रपात रिपोर्ट के अनुसार यमन के अंसारूल्लाह जनांदोलन के एक वरिष्ठ नेता अली अलबखीती ने एक बयान में यमन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रस्ताव को ज़ालिमाना बताते हुए कहा है कि इस तरह के प्रस्तावों से यमन की जनता के एरादे पस्त नहीं हो सकते और वह अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि यमन की जनता को विदेशों से हथियारों की आपूर्ति की आवश्यकता नहीं है इसलिए सुरक्षा परिषद के इस प्रकार के निर्णयों से यमन के जनांदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यमन की जनता को उनकी क्रांति के रास्ते से हटाया नहीं जा सकता है। अलबखीती ने अलमयादीन टीवी चैनल से बातचीत में कहा चूंकि यमनी जनता के खिलाफ इस संकल्प से कोई फर्क नहीं पड़ेगा इसलिए इस संबंध में कोई खास प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने की कोई जरूरत नहीं है।
अलमयादीन टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस प्रस्ताव में सदस्य देशों से मांग की गई है कि वह यमन जाने वाले जहाजों की तलाशी लें। इस प्रस्ताव में, जो फार्स खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य देशों की ओर से पेश किया गया, यमन के जनांदोलन अंसारूल्लाह के प्रमुख और इसी तरह यमन के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के बड़े बेटे पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए उनके विदेशी दौरों पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की गई है।