आम नागरिकों को कोर्ट मार्शल कर आर्मी बैरक में बंदी बनाए हुए है आले खलीफा सरकार ।
अकेले राजधानी के अल दराज़ क्षेत्र जहाँ शैख़ ईसा क़ासिम का निवास स्थान है आले खलीफा के गुंडों ने लगभग 190 लोगों को ग़ैर क़ानूनी रूप से उठाया हुआ है, जिस में से कई लोगों को सेना के स्पेशल जेल में रखा गया है वहीँ कई लोगों के खिलाफ सैन्य अदालतों में सुनवाई कर मौत की सजा सुना दी गई है ।
विलायत पोर्टल :
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कई साल से देश मे जारी भेदभाव और अत्याचार के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे बहरैन वासियों पर आले खलीफा के अत्याचारों तथा ज़ुल्म का न थमने वाला सिलसिला और कड़ा होता जा रहा है ।
बहरैन तानाशाही ने देश के लोकप्रिय नेता आयतुल्लाह शैख़ ईसा क़ासिम को भी बेबुनियाद आरोपों के चलते 20 जनवरी 2016 से घर में नज़रबंद कर उनकी नागरिकता रद्द कर दी है ।
बहरैन में सरकारी अत्याचारों तथा मानवाधिकारों के हनन का अंदाज़ा लगाने के लिए यही काफी है कि अकेले राजधानी के अल दराज़ क्षेत्र जहाँ शैख़ ईसा क़ासिम का निवास स्थान है आले खलीफा के गुंडों ने लगभग 190 लोगों को ग़ैर क़ानूनी रूप से उठाया हुआ है, जिस में से कई लोगों को सेना के स्पेशल जेल में रखा गया है वहीँ कई लोगों के खिलाफ सैन्य अदालतों में सुनवाई कर मौत की सजा सुना दी गई है ।
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