मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने के लिए ईरान ने अपने जवानों का बलिदान दिया : मुफ़्ती ए आज़म मॉस्को
अगर ईरान इन देशों की सहायता न करता तो इस बात की बहुत सम्भावना थी कि आतंकी संगठन सीरिया सरकार का पतन कर इराक पर क़ब्ज़ा कर लेते, ईरान ने अपने जवानों और सैन्य अफसरों की शहादत देकर विश्व शांति के लिए रचे गए इस बहुत बड़े षड़यंत्र को नाकाम कर दिया ।
विलायत पोर्टल :
प्राप्त जानकारी के अनुसार रूस की राजधानी मॉस्को के मुफ़्ती ए आज़म अलबैर कोरगानोफ़ ने कहा कि आतंकवाद से मुक़ाबला करने में ईरान ने हमेशा ही सकारत्मक भूमिका निभाई है उसने कभी भी विश्व शक्तियों या क्षेत्रीय देशों की तरह आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष का ढोंग या दोहरा मापदंड नहीं अपनाया है।
मुफ़्ती ए आज़म अलबैर कोरगानोफ़ ने कहा कि आतंकवाद से संघर्ष में ईरान की महत्वपूर्ण भूमिका और उसकी सच्चाई का सबसे बड़ा सबूत आतंक से पीड़ित सीरिया और इराक की मदद है जहाँ उसने अपने सैन्य सलाहकारों को भेजकर इन युद्धग्रस्त देशों की सहायता की ।
उन्होंने कहा कि अगर ईरान इन देशों की सहायता न करता तो इस बात की बहुत सम्भावना थी कि आतंकी संगठन सीरिया सरकार का पतन कर इराक पर क़ब्ज़ा कर लेते,
ईरान ने अपने जवानों और सैन्य अफसरों की शहादत देकर विश्व शांति के लिए रचे गए इस बहुत बड़े षड़यंत्र को नाकाम कर दिया ।
उन्होंने कहा कि इस्लामी इतिहास में हमेशा ही ऐसे लोग रहें हैं जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान कर मानवता की सेवा की है, इस्लामी देशों में जो लोग भी आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध संघर्ष में मारे जा रहे हैं वह शहीद हैं और अल्लाह के निकट उनका मर्तबा बहुत बुलंद है ।
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