ईरान की इस्लामी क्रांति साम्राज्यवाद और दासता के विरुद्ध क्षेत्रीय प्रतिरोध का प्रतीक : हिज़्बुल्लाह
इस्लामी इंक़ेलाब सिर्फ ईरान वासियों की क्रांति नहीं बल्कि यह क्षेत्रीय जनता की क्रांति है यह मिडिल ईस्ट के लोगों का साम्राज्यवादी शक्तियों और दासता तथा पक्षपातपूर्ण नीतियों के विरुद्ध प्रतिरोध का प्रतीक है ।
विलायत पोर्टल :
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिरोधी आंदोलन हिज़्बुल्लाह के उप प्रमुख शैख़ नईम क़ासिम ने ईरान की इस्लामी क्रांति की 39 वीं वर्षगांठ पर कहा कि ईरान का इस्लामी इंक़ेलाब सिर्फ ईरान वासियों की क्रांति नहीं बल्कि यह क्षेत्रीय जनता की क्रांति है यह मिडिल ईस्ट के लोगों का साम्राज्यवादी शक्तियों और दासता तथा पक्षपातपूर्ण नीतियों के विरुद्ध प्रतिरोध का प्रतीक है ।
उन्होंने कहा कि ईरान ने बलिदान और क़ुर्बानियां पेश कर आज़ादी की ओर क़दम बढ़ाएं हैं तथा वह क्षेत्र में आज़ादी का समर्थक और साम्राज्यवादी शक्तियों का विरोधी है ।
शैख़ नईम क़ासिम ने सीरिया में ज़ायोनी युद्धक विमान को मार गिराए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि सीरियन सेना का यह क़दम इस बात का खुला ऐलान है कि वह ज़माना गुज़र गया जब अवैध ज़ायोनी राष्ट्र पडोसी देशों पर हमला करने के बाद भी जवाबी कार्रवाई से बचा रहता था अब स्थिति बदल गई है ।
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